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लेखक:

लाल बहादुर वर्मा

इतिहास के शिक्षक और आजीवन सामाजिक कार्यकर्ता। 10 जनवरी 1938 को गोरखपुर में जन्म। इतिहास की उच्च शिक्षा, फ्रांस में प्रतिष्ठित इतिहासकार रेमो आरों के साथ शोधकार्य। गोरखपुर, इलाहाबाद, और इम्फाल में अध्ययन। सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक गतिविधियों में आजीवन सक्रियता। संपादक रहे, विपुल लेखन किया, अनुवाद किए, रंगमंच पर सक्रिय रहे, अद्भुत वक्ता और जन-इतिहासकार। यूरोप का इतिहास, विश्व इतिहास की झलक, इतिहास: क्यों-क्या-कैसे, अधूरी क्रांतियों का इतिहास बोध, क्रांतियाँ तो होंगी ही, इतिहास के बारे में, कांग्रेस के सौ साल, अपने को गंभीरता से लें, भारत की जनकथा, मानव मुक्तिकथा सहित अनेक किताबें। 19 मई 2021 को कोविड से निधन।

आज़ादी का मतलब क्या

लाल बहादुर वर्मा

मूल्य: Rs. 265

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